एहतेशाम हुदवी
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पारंपरिक इस्लामी विद्वानों और पुराने मुस्लिम इतिहासकारों की नज़र से देखा जाए, तो औरंगज़ेब आलमगीर (1058–1118 हिजरी / 1658–1707 ई.) को किसी “विवादित तानाशाह” के रूप में नहीं, बल्कि भारत के सबसे धार्मिक, न्यायप्रिय और काबिल शासकों में माना जाता है।
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दुनिया में बहुत सारे धर्म और मज़हब हैं, और हर दिन नए-नए विचार और समूह बनते रहते हैं। हर धर्म में अलग-अलग सोच और मानने वाले लोग मिलते हैं। लेकिन इन सबके बीच, इस्लाम एक ऐसा शांत और सभ्य धर्म है जिसने ज्ञान और विद्वानों की अहमियत लोगों के दिलों में गहराई से बैठा दी है।
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इस्लाम में खान-पान के नियम, यानी हलाल और हराम खाद्य पदार्थों के बारे में सख्त हिदायतें दी गई हैं। ये नियम न केवल इंसान की शारीरिक सेहत के लिए हैं, बल्कि उसकी रूहानी और नैतिक जिंदगी को भी बेहतर बनाते हैं। हलाल का मतलब है वह खाना जो इस्लाम के मुताबिक जायज और साफ है, जबकि हराम वह है जो नाजायज और नापाक...
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किशनगंज में मिलाद कॉन्फ़्रेंस के दौरान इस्लामऑनवेब का हिन्दी संस्करण लॉन्च
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शरिया इस्लाम का वह कानून है जो मुसलमानों की जिंदगी को अल्लाह की मरजी के मुताबिक चलाने का रास्ता दिखाता है। यह न केवल इबादत, बल्कि रोजमर्रा के कामों, जैसे परिवार, व्यापार और समाज के नियमों को भी तय करता है। शरिया के चार मुख्य स्रोत हैं: कुरआन, सुन्नत, इज्मा (सहमति), और कियास (अनुमान)।
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तौहीद इस्लाम का सबसे महत्वपूर्ण और बुनियादी सिद्धांत है, जिसका अर्थ है एकेश्वरवाद, यानी केवल एक अल्लाह पर विश्वास करना। यह विश्वास इस्लाम की नींव है और हर मुसलमान के लिए अनिवार्य है। तौहीद को तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है: तौहीद अर-रुबूबिय्या (रब की एकता), तौहीद अल-उलूहिय्या (इबादत की एकता),...
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हिजरा, यानी पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और उनके साथियों की मक्का से मदीना की ओर हिजरत, इस्लामिक इतिहास की सबसे अहम घटनाओं में से एक है। 622 ई. में हुई यह हिजरत न सिर्फ़ एक भौगोलिक बदलाव था, बल्कि इस्लाम के प्रसार और एक मज़बूत मुस्लिम समाज की नींव रखने का शुरुआती बिंदु था।
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7 अगस्त को राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की, जिसमें उन्होंने बंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में हुई वोट चोरी के मामले का खुलासा किया। यह सबूत कांग्रेस पार्टी की रिसर्च टीम की स्वतंत्र जांच पर आधारित है, जिसमें पता चला कि सिर्फ इस एक विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 नकली...
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इस्लाम एक ऐसा दीन है जो इंसानियत, इंसाफ़, और बराबरी को बढ़ावा देता है। लिंग समानता, यानी औरतों और मर्दों को बराबर का हक़ और सम्मान देना, इस्लाम की बुनियादी तालीम का हिस्सा है। कुरआन और हदीस में बार-बार इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि अल्लाह के नज़र में इंसान की इज़्ज़त उसके लिंग से नहीं, बल्कि उसके तक़वे...
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